ek ajnabi hasina se, yu mulakat ho gai - 1 in English Love Stories by Tapan Kanabar books and stories PDF | एक अजनबी हसीना से, यु मुलाकात हो गई - 1

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एक अजनबी हसीना से, यु मुलाकात हो गई - 1

"30 लाख, ना एक रुपया ज़्यादा ना एक कम. मंज़ूर है तो हा बोलो वरना रहने दो हम किसी और को ढूंढ लेंगे "

"माफ़ करना पर ये hotel बिकाऊ नहीं है"

"मुझे जो चीज़ पसंद आयी, वो में हासिल करके रहता हु, चाहे खरीदके चाहे छिनके. फैसला तुम्हारे हाथ में है."

राघव : काला सूटकेस ऑनर के हाथ में पकड़ाते हुए, "गीनलो, 30 लाख पुरे है, और निकल जाओ यहाँ से, और दुबारा नज़र मत आना यहाँ पर."

राघव ने मेरी तरफ देखके हां में सर झुकाया. ये इशारा हमारी जीत के लिए था,

में कोई गुंडा नहीं हु, नाही कोई पॉलिटिशन या कोई बड़े बाप की बिगडेली औलाद.

में एक बिजनेसमैन हु, और अच्छी तरह जानता हु के लोगो के साथ कैसे डील करनी है.

राघव : " मुबारक हो सर. आज से आप इस होटल के नए मालिक हुए"

मेने राघव की और देखा, उसके चेहरे पर एक डर था लेकिन ख़ुशी भी थी. ख़ुशी का कारण तो आप जानते ही है.डर का कारण...

"हेलो सर, में आपके होटल का मैनेजर हु. उसदिन के लिए माफ़ी चाहता हु सर. आप जो सजा देना चाहते है वो मंज़ूर है, प्लीज़ मुझे नौकरी से मत निकलना"

मेने मैनेजर की तरफ देखा, मुझे हसी आ रही थी उसपर, वैसे आज में इस होटल का मालिक इसी मैनेजर की वजह से बना हु,

बात आज से 7 दिन पहले की है,

इसी होटल के गार्डन रेस्टोरेंट मे में था और अपनी कोफ़ी का मज़ा ले रहा था,

" सॉरी सर, क्युकी ये गार्डन रेस्टोरेंट होटल के बिलकुल बिच में है, और यहाँ पर और भी लोग बैठे है, मेरा आपसे अनुरोध है कृपया यहाँ पर सिगारेट पीना मना है."

little black dress में एक लड़की मेरे पास आकर बोली, उनकी आँखे जैसे सफ़ेद कागज़ में काली स्याही से लिखे हुए सुन्दर शब्द, होंठो पे लाल लिपस्टिक जो स्ट्रॉबेरी को भी शर्मिंदा करदे, जिसमे से थोड़ी सी लिपस्टिक उनके दांतो पर लगी हुई थी, में बस उसे देखता ही रेह गया था. उनकी आवाज़ में एक अलग ही मिठाश थी,

पता नहीं में कब कहा खो गया था,

"सर, हेलो ? हेलो सर क्या आप सुन रहे है ?"

"हां, " अचानक जैसे किसी ने मुझे किसी ने गहरी नींद से जगाया हो. में अपनी नज़र उनके चेहरे से हटा नहीं पा रहा था, कुछ जादू था उनकी निगाहो में जो मुझे अपने से दूर करना ही नहीं चाहती थी,

" सर, प्लीज़ "

"ओह हां, सॉरी " मेने कहा और में सिगारेट बुझाने के लिए आस पास में Ace Tray ढूंढने लगा, तब मुझे एहसास हुआ के ये 'No Smoking Zone' है.

मैंने वापस उनकी तरफ देखा,

"प्लीज़ सर" उसने मेरी और हाथ बढ़ाते हुए हैरानी से देखा,

मेरे हाथ में से जलता हुआ सिगारेट लेकर वो exit की और जाने लगी.

मेरी नज़र अभी भी उन्हें ही फॉलो कर रही थी.

पता नहीं क्या हो रहा था पर ये सब मेरे साथ पहली बार हो रहा था,

"सर प्लीज़ मुझे नौकरी से मत निकालना"

ये सुनते ही में फ्लैशबैक से वापस आ गया, जो में कभी नहीं चाहता था, में चाहता था उसी पल में रह जाऊ और बार बार No Smoking Zone मे में सिगारेट जलाऊ और बार बार वो मुझे रोकने आये. और में उसी एक लम्हे में खो जाना चाहता हु.

"कोई बात नहीं, सर तुम्हे नौकरी से नहीं निकालेंगे, जाओ अपना काम करो " राघव ने मैनेजर को कहा और वो चला गया .

" में जानता हु सर आप कहा खो गए थे "

" No Smoking Zone में " हम दोनों एक साथ बोले.

राघव अपनी नज़रे झुकाए मेरी और देखके बोला, " सॉरी सर."

"It's ok राघव, तुम्हारी गलती नहीं थी."